
जुलाई 16, 2025 को जब बाज़ार खुला, तो अशोक लेलैंड के शेयर अचानक 250.85 रुपये से गिरकर 123.95 रुपये पर पहुंच गए। ये लगभग 51% की गिरावट है। ऐसे में कई निवेशक घबरा गए और सोचने लगे कि कहीं उनका पैसा तो नहीं डूब गया?
लेकिन घबराइए मत! आइए जानते हैं इस गिरावट की असली वजह:ये गिरावट असली नहीं, एक “बोनस इफेक्ट” है!
अशोक लेलैंड ने अपने शेयरधारकों को 1:1 बोनस शेयर देने का ऐलान किया था।इसका मतलब – 1 मौजूदा शेयर के बदले 1 नया शेयर मुफ्त मिलेगा।इससे निवेशक के पास शेयर की संख्या दोगुनी हो जाएगी, लेकिन कुल वैल्यू वैसी की वैसी रहेगी।
तारीख | क्या हुआ? |
16 जुलाई | शेयर एक्स-बोनस पर ट्रेड हुआ (यानी बोनस का प्रभाव दिखा) |
17 जुलाई | बोनस शेयर डीमैट अकाउंट में जमा होने शुरू |
18 जुलाई | बोनस शेयरों की ट्रेडिंग शुरू होगी |
तो फिर शेयर प्राइस क्यों गिरा?
जब शेयर बोनस के साथ एक्स-बोनस ट्रेड करना शुरू करता है, तो उसका भाव तकनीकी रूप से एडजस्ट हो जाता है।
यही कारण है कि 250.85 रुपये का शेयर सीधे 123.95 रुपये तक आ गया। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपके पास 1 शेयर था जिसकी कीमत ₹250 थी।बोनस के बाद आपके पास 2 शेयर होंगे, हर एक की कीमत ₹125 के आसपास।इससे आपकी कुल वैल्यू ₹250 ही रहती है।तो नुकसान नहीं हुआ – सिर्फ गणना बदली है!मार्च 2025 तक, कंपनी के पास 14.2 लाख खुदरा निवेशक थे, जिनके पास 2 लाख रुपये तक के शेयर थे।
इनमें से सभी को बोनस मिलेगा जिनके पास शेयर 16 जुलाई को मौजूद हों।
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