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भारत में 12,000 College ख़तरे में,Pharmacy शिक्षा का काला सच ₹15 लाख में कॉलेज की मान्यता।

सीबीआई (CBI) ने फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) में भारी भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हुए उसके अध्यक्ष मोंटू पटेल पर शिकंजा कस दिया है।

आरोप है कि पटेल और उनके नेटवर्क ने केवल 13 दिनों में 870 फार्मेसी कॉलेजों को मंजूरी दी और बदले में करोड़ों रुपये की रिश्वत ली।

💸 अनुमानित घोटाले की राशि: ₹5400 करोड़ से अधिक।

पिछले सप्ताह, गांधीनगर में मोंटू पटेल के बंगले पर छापा मारा गया। सीबीआई को सूचना मिली थी कि 2023–24 के बीच मात्र 13 दिनों में PCI ने 870 कॉलेजों को Approved कर दिया था।छापे में दस्तावेज़, रजिस्टर, संपत्ति विवरण और डिजिटल रिकॉर्ड ज़ब्त किए गए।

रिश्वत की रेट लिस्ट: कैसे बिक रहा था शिक्षा का भविष्य?

कोर्समंजूरी के लिए ली गई रिश्वत
डिप्लोमा (D. Pharma)₹8 लाख प्रति कॉलेज
B. Pharma₹15 लाख प्रति कॉलेज

इन फंड्स से पटेल और उनके सहयोगियों ने गुजरात और उत्तर प्रदेश में ज़मीन खरीदी, हवाला के ज़रिये पैसा सफेद किया, और राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल किया।

मोंटू पटेल की उम्र 35 वर्ष है, उनकी पढ़ाई एक छोटे से गांव के कॉलेज से हुई है जब की राजनीति में प्रवेश उनका गुजरात फार्मेसी काउंसिल, फिर ABVP के समर्थन से PCI अध्यक्ष बने।जीतने के बाद पटेल ने अपने करीबी लोगों को PCI में बड़ी पोस्ट दीं।इन लोगों को कॉलेजों को अप्रूव करने की फुल पावर दी गई।लाइसेंस, मान्यता और नवीनीकरण को रिश्वत का अड्डा बना दिया गया।

भारत के 12,000 फार्मेसी कॉलेज खतरे में? – गहराता सवाल

🏛️ PCI (Pharmacy Council of India) की भूमिका क्या है?

अब सोचिए — जो संस्था ये तय करती है कि फार्मेसी का कौन सा कॉलेज वैध है, अगर उसी संस्था का प्रमुख (अध्यक्ष मोंटू पटेल) पर रिश्वत लेकर फर्जी कॉलेजों को मंजूरी देने का आरोप है, तो क्या होगा?

इसका सीधा खतरनाक असर छात्रो पर होगा

1. ❌ फर्जी कॉलेजों की बाढ़: बिना योग्य स्टाफ, लैब, इंफ्रास्ट्रक्चर वाले कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। यहां पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य अंधकार में है।

2. 📉 छात्रों की डिग्रियों की विश्वसनीयता पर सवाल: अगर मान्यता ही पैसे देकर ली गई है, तो इन कॉलेजों से निकले छात्रों की डिग्री को न तो नौकरी देने वाले गंभीरता से लेंगे, न ही विदेशी संस्थाएं।

3. 💊 देश की स्वास्थ्य सुरक्षा पर खतरा: जब अधूरी जानकारी और खराब ट्रेनिंग वाले फार्मासिस्ट तैयार होंगे, तो उनकी गलती से दवाओं का गलत वितरण, मेडिकली असुरक्षित सलाह, और पेशेंट सेफ्टी पर गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

4. 🏥 हेल्थ सिस्टम की नींव हिलती है:फार्मासिस्ट, डॉक्टर और नर्स के बाद हेल्थकेयर सिस्टम की रीढ़ होते हैं। जब इस रीढ़ की पढ़ाई ही भ्रष्टाचार में डूबी हो — तो पूरा सिस्टम चरमरा सकता है।

सख्त जांच के बाद वैध कॉलेज भी जांच के घेरे में आएंगे जब CBI या कोर्ट इस घोटाले की व्यापक जांच शुरू करेगा, तो हर कॉलेज को पुराने दस्तावेज, मान्यता लेटर, फील्ड विज़िट रिपोर्ट आदि पेश करने होंगे

कई कॉलेजों की मान्यता रद्द की जा सकती है नए एडमिशन, एग्जाम, प्लेसमेंट तक रुक सकते हैं मतलब सिस्टम खुद हिल जाएगा।

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