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8वें वेतन आयोग की घोषणा को 6 महीने बीते, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं!

नवीनतम अपडेट के नुसार 8वें वेतन आयोग की 16 जनवरी 2025 को घोषणा हुए पूरे छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आयोग के Terms of Reference (ToR) और सदस्यों की नियुक्ति तक का कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। केंद्रीय सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि विभिन्न मंत्रालयों से टिप्पणियाँ मंगवाई जा रही हैं, लेकिन ToR अभी फाइनल नहीं हुए हैं, जिससे लागू-समयरेखा पर अनिश्चितता बनी हुई है।

वर्तमान स्थिति यह है कि न तो आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है और न ही सदस्यों की पोस्ट भरने के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी हुई है। वरिष्ठ सरकारी वृत्त बताते हैं कि once ToR finalise हो जाएंगे, तब भी पैनल को अपनी रिपोर्ट सौंपने में कम से कम 18 महीने और लग सकते हैं, जिससे वास्तविक कार्यजारी की तारीख और टल सकती है  ।

जहाँ एक ओर नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर वेतन वृद्धि के अनुमान जोर पकड़ चुके हैं। Ambit Capital की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 30%–34% तक की कुल पगार वृद्धि मिल सकती है, जिसके लिए अनुमानित fitment factor 1.83–2.46 के बीच रहेगी  । इसी आधार पर न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹32,940–₹44,280 तक हो सकता है,Fitment factor को लेकर चर्चाएँ अलग-अलग हैं: कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह 2.57–2.86 तक भी जा सकता है, जबकि हालिया रिपोर्टों में इसे 1.8–1.92 के दायरे में प्रस्तावित किया जा रहा है। 7वें आयोग में 2.57 का factor था, लेकिन इस बार 1.8 भी हो सकता है, जो सिर्फ 13% वास्तविक वृद्धि देगा (क्योंकि DA रिसेट होगा)  
दूसरी ओर, Dearness Allowance (DA) को आधार वेतन में मिला कर अब तक 70% तक पहुँचाने का सुझाव है, जिससे महंगाई का असर कम होगा। साथ ही पेंशनर्स के लिए commuted pension restoration अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष करने का प्रस्ताव भी है, जो बरसों से लंबित मांग थी  ।

समय-रेखा की बात करें तो विशेषज्ञ मानते हैं कि आयोग अपनी रिपोर्ट 2025 के अंत तक सौंप सकता है, लेकिन प्रशासनिक अनुमोदन में देरी के चलते लागू-आइएम्प्लीमेंटेशन वित्त वर्ष 2026–27 में ही संभव है। यदि सब कुछ तेज़ी से हुआ, तो जनवरी 2026 से पूर्ववत लागू पगार व DA के साथ कार्य आरंभ हो सकता है; पर देरी पर यह मार्च 2027 तक खिंच सकता है !

अब तक ToR और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई, जिससे आयोग की प्रक्रियाएँ रहीं अटकी।कर्मचारियों व पेंशनर्स में बेचैनी बढ़ी है—वेतन वृद्धि के इरादे तो अच्छे हैं, पर प्रक्रिया धीमी है।यदि सरकार शीघ्र ToR जारी कर दे और पैनल सक्रिय हो जाए, तो मिड-2026 तक रिपोर्ट मिलना संभव है; परन्तु लागू-समय अधिक देर तक टलने की आशंका है।

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