तेज रफ्तार खबर

हिंदी न्यूज़

UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर! 1 अगस्त से बदल जाएंगे ये नियम; फोनपे, गूगलपे, पेटीएम का इस्तेमाल करने वाले इन बातों का रखें ध्यान

GPay, PhonePe और Paytm जैसे यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करके ऑनलाइन पेमेंट करने वाले लोगों के लिए काम की खबर है। बता दें कि नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ऐलान किया है कि 1 अगस्त, 2025 से यूपीआई के नियमों में कई बदलाव होने वाले हैं, आइए जानते हैं…

UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर! 1 अगस्त से बदल जाएंगे ये नियम; फोनपे, गूगलपे, पेटीएम का इस्तेमाल करने वाले इन बातों का रखे ध्यान PhonePe, GPay, Paytm और अन्य यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करके ऑनलाइन पेमेंट करने वाले लोगों के लिए काम की खबर है। बता दें कि नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ऐलान किया है कि 1 अगस्त, 2025 से यूपीआई के नियमों में कई बदलाव होने वाले हैं। इन बदलावों में ऑटोपे और बैलेंस पूछताछ जैसी सुविधाओं में लिमिट शामिल हैं। आगामी यूपीआई अपडेट में क्या बदलाव होने वाले हैं, आइए जानते हैं…

बार-बार नहीं कर पाएंगे बैलेंस चेक

अब यूजर्स प्रत्येक यूपीआई ऐप पर रोजाना अधिकतम 50 बार अकाउंट बैलेंस जांच कर सकेंगे। इसका उद्देश्य अत्यधिक API रिक्वेस्ट को कम करना है। आम यूजर्स के लिए यह सीमा काफी है। लेकिन जो लोग कोई छोटा-मोटा कारोबार करते हैं, जिसके लिए उन्हें बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत पड़ती है। उन्हें थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

ऑटो पेमेंट पर भी टाइम की लिमिट होगी

कई यूजर्स अपने पेमेंट्स को ऑटो मोड में रखते हैं। यह भी अब एक निश्‍चित समय पर ही होगा। तमाम ऑटो पे सर्विसेज के लिए ऑथराइजेशन और डेबिट प्रोसेसिंग केवल नॉन-पीक आवर्स में हो पाएगी। सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे को पीक आवर्स में गिना जाएगा। इसी दौरान यह लिमिट लागू रहेगी। इस दौरान बैकएंड पर होने वाले प्रोसेस और कस्टमर्स की ओर से बार-बार उपयोग की जाने वाली सर्विसेज पर लिमिट और रोक रहेगी।

सिर्फ 3 बार चेक कर पाएंगे पेमेंट स्टेट्स

अब यूजर्स किसी भी लेन-देन के मामले में पेमेंट का स्टेट्स दिन में सिर्फ 3 बार ही देख पाएंगे। वही, इन 3 अटेंप्ट में हर बार कम से कम 90 सेकंड का गैप होना चाहिए।

लिंक बैंक अकाउंट्स चेक लिमिट

अब सभी यूजर्स किसी एक एक ऐप पर अपने फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों को दिन में अधिकतम 25 बार ही देख पाएंगे।

क्यों लागू किए जा रहे हैं ये सुधार?

हर महीने करीब 16 अरब UPI लेन-देन होने के कारण सिस्टम पर दबाव बढ़ रहा है। अप्रैल और मई में यूजर्स को यूपीआई सर्विस में कई समस्या का सामना करना पड़ा। NPCI के अनुसार, इन समस्याओं का एक बड़ा हिस्सा बार-बार API रिक्वेस्ट के कारण होने वाले अत्यधिक ट्रैफिक से उत्पन्न होता है। बार-बार होने वाली गतिविधियां यूपीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अनावश्यक भार डालती हैं, जिससे सख्त नियंत्रण की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *